आज फिर से यूँ ही आपको फिर से पढ़ा सोचा कॉमेंट बॉक्स में लिखती हूँ कि बड़ी मासूमियत से लिखा हुआ बड़ा लम्बा इंतेज़ार है. हैरानी तब हुई जब देखा सालों पहले भी ये लाइंस मुझे इतनी और ऐसे ही पसंद थी. बहुत शुक्रिया पुराने मैं से मिलाने कि लिए. अगर ज़्यादा लिखा हो तो माफ़ कीजिएगा.
4 comments:
Bahot acchi hai... ye pehle nahi padhi!
bahut khoobsoorat...
chhota sa dard hai..achhi hai bahut
आज फिर से यूँ ही आपको फिर से पढ़ा
सोचा कॉमेंट बॉक्स में लिखती हूँ कि बड़ी मासूमियत से लिखा हुआ बड़ा लम्बा इंतेज़ार है.
हैरानी तब हुई जब देखा सालों पहले भी ये लाइंस मुझे इतनी और ऐसे ही पसंद थी.
बहुत शुक्रिया पुराने मैं से मिलाने कि लिए.
अगर ज़्यादा लिखा हो तो माफ़ कीजिएगा.
Post a Comment